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Basics of Communication in Hindi

Basics of Communication in Hindi

 क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी बातें क्यों अनसुनी रह जाती हैं या दूसरों को समझ में नहीं आतीं? अच्छे संवाद की कला में केवल शब्दों का सही चुनाव ही नहीं, बल्कि सही ढंग से अपनी बात को पेश करने की कला भी शामिल होती है। हर किसी की चाहत होती है कि उसकी बातें ध्यानपूर्वक सुनी जाएं और समझी जाएं। अगर आप चाहते हैं कि लोग आपकी बातों को सिर्फ कान से नहीं, बल्कि दिल से सुनें, तो सही संवाद की कला पर ध्यान देना जरूरी है। यहाँ हम आपको 6 Basics Communication तकनीक बताएंगे जिनके माध्यम से आप अपनी बातों को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं।

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हर इंसान अपने जीवन में सफल संवाद की चाह रखता है। चाहे वो व्यक्तिगत रिश्ते हों या पेशेवर संबंध, सही ढंग से अपनी बात कहने की कला में महारत हासिल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि संवाद की केवल शब्दों से ही नहीं, बल्कि हमारी बॉडी लैंग्वेज से भी गहरी छाप छोडी जा सकती है? चलिए जानते हैं कि अपनी बात को प्रभावी ढंग से कैसे पेश करें और नॉन-वर्बल कम्युनिकेशन की कला को कैसे समझें।

सही तरीके से अपनी बात कहना इतना जरूरी क्यों है?

सबसे पहले यह समझ लें कि हमारे आस-पास दिख रही हर सजीव चीज निरंतर संवाद कर रही होती है। पेड़-पौधे, कीड़े-मकोड़े, पशु-पक्षी या इंसान, कोई भी इस संवाद से अछूता नहीं है।

अपनी किताब ‘मास कम्युनिकेशन इन इंडिया’ में केवल जे. कुमार लिखते हैं कि चिड़ियों का चहचहाना, पेड़-पौधों की रंगत, कुत्ते का भौंकना या भेड़िये का गुर्राना ये सबकुछ कम्युनिकेशन ही है। लेकिन इसमें कुछ भी खास नहीं। ये सिंपल कम्युनिकेशन स्किल सभी जीव-जंतुओं में सहज रूप से मौजूद होता है।

लेकिन इंसानों ने कम्युनिकेशन को एक कला के रूप में विकसित किया है। इस कला में जो जितना माहिर होगा, सोसाइटी में उसके आगे बढ़ने की संभावना भी उतनी ज्यादा होगी।

ढाई हजार साल पहले यूनानी दार्शनिक प्लेटो ने प्रभावी ढंग से अपनी बात रखने का एक नियम दिया था। यह दुनिया की पहली स्पीच थ्योरी मानी जाती है। यह भी माना जाता है कि महान योद्धा और दुनिया जीतने वाला सिकंदर अपनी बड़ी सेना को जोड़े रखने के लिए प्लेटो की इसी थ्योरी का सहारा लेता था, जो उसे प्लेटो के शिष्य अरस्तू ने सिखाई थी।

बातचीत के दौरान न करें ये गलतियां

  1. डिफेंसिव मोड में रहना अपने हाथ बांधकर या शरीर को सिकोड़कर बात करना आत्म-संकोच और असुरक्षा को दर्शाता है। यह संवाद को प्रभावित करता है और सामने वाले को यह संकेत देता है कि आप अपने विचारों को साझा करने में असहज महसूस कर रहे हैं। इसके बजाय, आत्म-विश्वास के साथ खुली मुद्रा अपनाएं और अपने हाथों को खुले रखें।

  2. बिना आई कॉन्टैक्ट किए बात करना आई कॉन्टैक्ट न करना आपके आत्म-विश्वास की कमी को दर्शाता है और बातचीत को असंबद्ध बनाता है। यह सामने वाले को यह महसूस कराता है कि आप पूरी तरह से उपस्थित नहीं हैं। संवाद के दौरान आंखों में आंखें डालकर बात करें, इससे आप अधिक समर्पित और विश्वासपात्र दिखेंगे।

  3. घबराहट दिखाना बार-बार हाथ-पैर हिलाना या अन्य घबराहट भरी आदतें आपकी चिंताओं और असमर्थता को उजागर करती हैं। इससे आपकी बात की गंभीरता और प्रभावशीलता प्रभावित हो सकती है। शांत और स्थिर रहने की कोशिश करें, और अपनी बॉडी लैंग्वेज को नियंत्रित रखें।

  4. पीछे की ओर झुकना या ध्यान भटकाना बात करते समय पीछे झुकना या दरवाजे की ओर देखना असंबद्धता और उदासीनता को दर्शाता है। इससे सामने वाले को यह प्रतीत होता है कि आप बातचीत में पूरी तरह से शामिल नहीं हैं। सामने वाले की ओर झुके रहें और पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करें।

  5. चेहरे पर मुस्कान का अभाव चेहरे पर मुस्कान न होना या उबासियां लेना संवाद के दौरान नकारात्मकता और अक्रियाशीलता को जन्म दे सकती है। चेहरे पर हल्की मुस्कान बनाए रखें, इससे बातचीत को मित्रवत और सकारात्मक बनाया जा सकता है।

नॉन-वर्बल कम्युनिकेशन का महत्व

सफल संवाद केवल शब्दों पर निर्भर नहीं करता, बल्कि हमारी बॉडी लैंग्वेज भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस की रिपोर्ट बताती है कि 93% संवाद नॉन-वर्बल कम्युनिकेशन और केवल 7% संवाद शब्दों पर आधारित होता है। इसका मतलब है कि आपकी बॉडी लैंग्वेज, हाव-भाव, और आंखों की मुद्राएँ संवाद का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

आंखों में आंखें डालकर बात करना न केवल आत्म-विश्वास को दर्शाता है, बल्कि यह सामने वाले को यह महसूस कराता है कि आप उसकी बातों को गंभीरता से ले रहे हैं। सही बॉडी लैंग्वेज बनाए रखने से आप अपनी बात को अधिक प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं, और यह आपके संवाद को अधिक सजीव और प्रभावी बनाता है।

बॉडी लैंग्वेज की कला

रिलेशनशिप कोच टोन्या रीमन की किताब ‘द बॉडी लैंग्वेज ऑफ डेटिंग’ में बताया गया है कि प्यार की भाषा शब्दों से ज्यादा हाव-भाव और भावनात्मक संपर्क पर निर्भर करती है। बिना एक शब्द बोले भी अपनी भावनाएं जाहिर की जा सकती हैं यदि आपकी बॉडी लैंग्वेज सही हो। सही बॉडी लैंग्वेज से आप दुनिया के सामने खुद को बेहतर ढंग से पेश कर सकते हैं, और इसका सीधा असर आपके रिश्तों और पेशेवर सफलता पर पड़ता है।

निष्कर्ष

संवाद की कला में न केवल सही शब्दों का चयन महत्वपूर्ण है, बल्कि सही सलीका और बॉडी लैंग्वेज भी उतना ही आवश्यक है। प्लेटो से लेकर आधुनिक विशेषज्ञों तक, सभी का कहना है कि संवाद का सही तरीका आपके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन को बेहतर बना सकता है। इसलिए, संवाद की इस कला को समझें और अपनाएं, ताकि आपकी हर बात अपने मकसद में सफल हो और दिलों तक पहुंच सके।


इन टिप्स और सुझावों को अपनाकर, आप न केवल एक प्रभावी संवादक बन सकते हैं, बल्कि अपने रिश्तों और करियर में भी सकारात्मक बदलाव देख सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. अपनी बातों को अधिक प्रभावी कैसे बनाएं?

  • अपने संदेश को संक्षेप और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करें। साथ ही, सकारात्मक बॉडी लैंग्वेज और उपयुक्त आई कॉन्टैक्ट बनाए रखें। उदाहरण और संदर्भ का उपयोग भी आपके संदेश को अधिक प्रभावी बना सकता है।

2. क्यों जरूरी है कि मैं अपनी बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दूं?

  • बॉडी लैंग्वेज संवाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आपकी बॉडी लैंग्वेज, हाव-भाव, और चेहरे के भाव आपकी बातों की सच्चाई और भावनाओं को व्यक्त करते हैं। सही बॉडी लैंग्वेज से आपकी बात अधिक प्रभावशाली बनती है।

3. अगर सामने वाला मेरी बातों पर ध्यान नहीं दे रहा, तो मुझे क्या करना चाहिए?

  • यदि सामने वाला आपकी बातों पर ध्यान नहीं दे रहा, तो आप अपनी बात को और स्पष्ट और संक्षेप में पेश करें। आई कॉन्टैक्ट बनाए रखें और सक्रिय सुनने का प्रयास करें। अपनी बॉडी लैंग्वेज को सकारात्मक और खुला रखें।

4. मैं अपनी बातों को कैसे संक्षेप में और स्पष्ट रूप से प्रस्तुत कर सकता हूँ?

  • अपने संदेश को सीधे और स्पष्ट शब्दों में कहें। लंबे वाक्यों और जटिल विचारों से बचें। संक्षेप में बात कहने से आपके संदेश की समझ और प्रभाव बढ़ेगा।

5. सहानुभूति दिखाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

  • सामने वाले की बातों को ध्यानपूर्वक सुनें और उसकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। अपनी प्रतिक्रिया में सहानुभूति और समझदारी दिखाएं, जिससे सामने वाला यह महसूस कर सके कि आप उसकी भावनाओं की कद्र करते हैं।

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